सीली लकड़ी फटे कोट की,व्यथा नयन में डोले।। बारिश की बूँदों ने पहने,श्वेत-सुमन से चोले। सीली लकड़ी फटे कोट की,व्यथा नयन में डोले।। बारिश की बूँदों ने पहने,श्वेत-सुमन...
यही ख़्याल ख़्याल न होकर रूबरू कुछ कह देता। यही ख़्याल ख़्याल न होकर रूबरू कुछ कह देता।
तीन रंगों को, दर्शाता है। तीन रंगों को, दर्शाता है।
मेरी कलम में स्याही नहीं रौशनाई है। मेरी कलम में स्याही नहीं रौशनाई है।
केशरिया में वीरों का बलिदान भरा है। केशरिया में वीरों का बलिदान भरा है।